Sunday, February 21, 2010
अब आईपीएल ३
इस खेल में कारोबार है, पैसा है, मनोरंजन है। चियरलीडर्स के ठुमके हैं। विवाद है और प्रसिद्धि पाने के सारे मसाले एक साथ मौजूद हैं। जब इस खेल के सत्र की शुरुआत होने की घोषणा होती है तो भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों की निगाहें इस पर होती है। दुनिया के जो खिलाड़ी खेल नहीं पाते वे अपनी किस्मत को कोसते हैं और जो खेलते हैं वे रातों रात स्टार तो बनते ही हैं साथ ही करोड़ो के मालिक भी बन जाते हैं। इसमें पैसों की इतनी बरसात होती है कि खिलाड़ी खेल प्रेम के लिए कम बल्कि पैसे के लिए ज्यादा खेलते हैं। इसने क्रिकेट का रूप तो बदला ही है, साथ ही जब यह शुरू होता है तो और कुछ हो न हो पर भारत में राजनीतिक दृष्टि से महाभारत जरूर शुरू करा देता है। इससे राज्य सरकारें तो प्रभावित होती ही हैं केंद्र सरकार भी हिल जाती है। मीडिया को महीनो तक का सुर्खियां भी मिल जाती है। हम बात कर रहे हैं आईपीएल की। यानि भद्रजनों के खेल के तीसरे संस्करण की। दो टूर्नामेंट होने के बाद अब आईपीएल थ्री की शुरूआत १२ मार्च से होने जा रही है। क्रिकेट लीग को नेस्तानाबूत करने के लिए बीसीसीआई ने भारतीय बाजार में यह मिसाइल दागी थी। इसका निशाना भी अचूक रहा। आईपीएल का रंग ऐसा चढ़ा कि लोग सब कुछ भुला बैठे। पैसे, ग्लैमर और चौके-छक्कों की बरसात वाला यह टूर्नामेंट अचानक लोगों के सिर चढ़ कर बोलने लगा। ऐसा होना लाजिमी भी था क्योंकि दर्शकों के लिए क्रिकेट मनोरंजन का साधन है और आईपीएल से बढ़िया तमाशा भला और कहां देखने को मिलता। पहले आईपीएल में जहां इसने शुरुआती सफलता के झंडे गाड़े, वहीं दूसरा आईपीएल दक्षिण अफ्रीका में आयोजित कराना राष्ट्रीय अस्मिता का प्रश्न बन गया। अब तीसरे सीजन में पाकिस्तानी खिलाड़ियों की नीलामी और उनको शामिल न करने के मामले ने पूरे देश में महाभारत की स्थिति पैदा कर दी। इतना बवाल हुआ कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया। इस विवाद ने इतना तूल पकड़ा कि दोनो देशों के अंदर जमकर बयानबाजी हुई। पहले जहां टीम के मालिकों की निगाहें प्रतिभा तलाशती नजर आती थी वहीं वे अब चीयरलीडर्स के ठुमकों के बीच अपनी टीमों के लिए खिलाड़ी चुनते हैं। अब देखना है कि आईपीएल थ्री में चियर लीडर्स के ठुमकों के बीच बादशाह कौन सी टीम बनती है।
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