Monday, February 1, 2010

...अब मोदी के अंगने में

अब अमिताभ बच्चन कह रहे हैं कि उत्तर प्रदेश के बाद वे गुजरात का प्रचार करेंगे। दूसरी तरफ मोदी कह रहे हैं वे अमिताभ की फिल्मों को प्रमोट करेंगे। कहा जाता है कि अमिताभ बच्चन पैसे के वास्ते कुछ भी कर सकते हैं। पहले वे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के लिए कुछ भी करते देखे गए। अब जब उत्तर प्रदेश में सपा का ही ठिकाना नहीं रहा तो उन्होंने गुजरात को अपना नया ठिकाना नरेंद्र मोदी के सहयोग से बनाया है। बिग बी का रिकार्ड ब्रांड एम्बेसेडर के मामले में ज्यादा अच्छा नहीं रहा। सपा के राज्य में जब वे उत्तर प्रदेश के ब्रांड एम्बेसेडर थे तो माल राज्य सरकार के खजाने से जाता था और काम सपा का होता था, मार्फत अमर सिंह। उस समय उनकी ये सूक्ति भी प्रसिद्ध हुई थीं उत्तर प्रदेश में दम है, अपराध यहां पर कम है वैसे अपराध उत्तर प्रदेश में मालिक की दया से कभी कम नहीं हुए , बाद में जब चुनाव हुए तो पता चला कि उत्तर प्रदेश में दम है और समाजवादी पार्टी यहां सबसे कम है। अब तो स्थिति यह है कि कांग्रेस से भी कम। समाजवादी पार्टी टूट कर बिखरती जा रही है इसीलिए अमिताभ बच्चन ने भी अपने लिए नया प्रदेश ढूंढ़ लिया। वे गुजरात के ब्रांड एंबेसेडर बन गए। इतना ही नहीं कह रहे हैं कि बिना तनख्वाह के काम करेंगे? किसी समय उन्हें जो गुण मुलायम सिंह यादव में नजर आते थे वे सारे गुण उन्हें अब नरेन्द्र मोदी में दिखाई दे रहे हैं। मोदी ने फिल्म 'पा' से मनोरंजन कर हटा लिया। मोदी लगातार जीतते चले आ रहे हैं, प्रदेश में उनकी तूती बोल रही है। राजनीतिक गलियारे में कहा जा रहा है कि ऐसे संत को क्यों न्योतना जो जिस जगह भी पैर धरता है, बंटाधार कर देता है। अमर सिंह को हर सभा में भीड़ की गारंटी के लिए सिनेमा का सितारा चाहिए। नरेन्द्र मोदी तो गुजरात के सबसे बडे़ सितारे हैं। अमिताभ बच्चन कलाकार हैं। पिछले ४० वर्षों में जब भी अमिताभ बच्चन ने अपने आपको कलाकार कहा, लोगों को लगा कि वे उतने ही म.जबूत होंगे जितना कि एक बड़ा कलाकार होता है लेकिन टेलीवि.जन पर उनको नरेंद्र मोदी के सामने जिसने भी झुकते देखा लगा कि अब तक सभी गलत थे। 'पा' को मनोरंजन कर से रियायत दिलवाने के लिए वे किस मुकाम तक जा सकते हैं, वह भी दुनिया ने देख लिया। नरेंद्र मोदी की शान में अमिताभ बच्चन ने जिस तरह से कसीदे पढ़े उस से साफ़ लग गया कि अब गुजरात में भी वही सब होगा जो कभी उत्तर प्रदेश में हुआ था। उन्होंने तो इस पर यहां तक कह दिया था कि 'मुलायम सिंह मेरे पिता हैं।' बीजेपी के नेता राजनाथ सिंह ने कहा था कि जीव विज्ञान के विद्वानों को यह पता करना चाहिए कि क्या बाप बेटे की उम्र में केवल चार साल फर्क हो सकता है। बहरहाल अब मुलायम सिंह सत्ता में नहीं हैं और जिस तरह से उनकी पार्टी चल रही हैं, सत्ता में बहुत दिनों तक आने की उम्मीद नहीं है। जब १८५७ में दिल्ली उजड़ गयी थी तो बड़ी संख्या में कलाकारों ने रामपुर और हैदराबाद को अपना ठिकाना बना लिया था। अब जब अमर सिंह भी सपा के खिलाफ हो गए तो अमर सिंह के कलाकार साथी अपने लिए नए ठिकाने ढूंढ़ रहे हैं। जहां तक मुलायम सिंह यादव का सवाल है, अमिताभ बच्चन को अहमियत देकर उन्होंने अपनी पार्टी के जनाधार को लगभग समाप्त कर दिया। मुलायम सिंह यादव ने अमिताभ बच्चन के परिवार के लिए जो किया, वह उन दिनों सबको अजीब लगता था. बाराबंकी .जमीन विवाद तो दुनिया जानती है। अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, ऐश्वर्या राय और अभिषेक बच्चन को उत्तर प्रदेश में वह मुकाम दे दिया गया था जो समाजवादी पार्टी के बड़े नेताओं तक को सपने में भी हासिल नहीं था। मौजूदा राजनीतिक समीकरणों पर न.जर डालें तो ऐसा लगता है कि आने वाले कई वर्षों तक मुलायम अमिताभ बच्चन को वह सारी सुविधाएं देने की स्थिति में नहीं रहेंगें। .जाहिर है कि उन सुविधाओ के लिए नयी जगह की तलाश शुरू हो चुकी है। वही तलाश अमर सिंह भी करते नजर आ रहे हैं। अमिताभ बच्चन के रिश्ते नेहरू -गांधी परिवार से बहुत खराब हैं, लिहा.जा वहां तो प्रवेश संभव नहीं था। मोदी का राज्य अमिताभ बच्चन की कर्मभूमि के करीब भी है। मोदी भी तैयार हो गए। उनकी राजनीतिक हैसियत भी ऐसी है कि वे अपनी पार्टी में जो चाहें कर सकते हैं। वे अमिताभ बच्चन के परिवार को वह राजनीतिक संरक्षण उपलब्ध करवा सकते हैं। लेकिन क्या भाजपा में अमिताभ बच्चन के लिए बिछ रही लाल कालीन को हेमा मालिनी, विनोद खन्ना, शत्रुध्न सिन्हा जैसे सितारे बर्दाशत करे सकेंगे।

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