Saturday, February 27, 2010

...तुम याद आईं !

होली के दिन नेताजी अकेले बैठे होली के सीन टीवी पर देख रहे थे। साथ ही यह गाना भी गुनगुना रहा थे, तुमसे मिलने का जब न कोई बहाना मिले तो होली के बहाने आ गए। तभी मोबाइल घनघना उठा। महाराष्ट्र से पार्टी के नए नवेले अध्यक्ष जी की काल थी। उन्होंने पुराने अध्यक्ष जी को अपने घर पर याद किया था। मूड तो नहीं था पर होली पर दुश्मनी करने का भी इरादा नहीं था। सो चले गये उनके घर। वहां पहले से ही श्रीवास्तव जी मौजूद थे। आते ही शुरू हो गए। देखा न, हम कह रहे थे कि हुईन रुक जाओ नहीं तो कोऊ न पूछेगा। अब हमरी बात नहीं मानी न लेव भोगो। अब खिंचाई तो खिंचाई, जैसे ही अध्यक्ष जी के घर में कदम रखा, चेहरे पर अबीर गुलाल पोतकर एक गुझिया भी मुंह में ठूंस दी। इसके बाद बोले आज राजनीतिक चर्चा कत्तई नहीं। आज बस बालीवुड पर ही ...! छूटते ही बोले, यार, क्या होली में हीरो हिरोइन भी हाथों में रंग गुलाल लेकर कूदते फिरते हैं। तपाक से जवाब मिला, तुम भी अजीब अहमक हो यार, क्या हीरो हिरोइन इंसान नहीं हैं फिर रोमांस के सीन देते-देते उनमें प्यार के बीज भी पनपने लगते हैं। अध्यक्ष जी की सुई अमिताभ-रेखा , सलमान ऐश्वर्या और कैट की ओर घूम चुकी थी। वे कहने लगे, क्या इस रंग भरे मौसम में बिग बी को रंग बरसे याद नहीं आता होगा। वे बोले, क्यों नहीं याद आएगा, क्या तुम्हें कालेज वाली करीना अरे सब्बो की याद नहीं आती। वे थोड़ा घबराए। फिर सकुचाते हुए बोले, धीरे बोलो। श्रीमतीजी ने सुन लिया तो मेरी शामत आ जाएगी। मैंने अगला तीर छोड़ा उस समय तो तुम सब्बो को रंग लगाने उसके घर तक पहुंच गए थे। आगे बोले, खैर छोड़ो। यह बताओ कि क्या अपने छोटे नवाब करीना के संग ही होली मनाएंगे या फिर पुरानी ड्योड़ी में भी हाथ आजमाएंगे। उन्होंने उनकी समझ को धता बताते हुए कहा, छोटे नवाब को क्या पड़ी है, जो करीना जैसी जीरो फिगर को छोड़कर कहीं और जाए। हां, मिस्टर खिलाड़ी जरूर होली खेलने के लिए यूपी बिहार लूटने वाली के पास जा सकते हैं। सिंह साहब बोले, रणबीर और दीपिका भी होली खेलेंगे। इस पर वे बोले कहा, दीपिका रणबीर के साथ जब चाहे तब होली खेल सकती है। हो सकता है कि रणबीर सोनम कपूर से होली खेलने पहुंच जाएं। अध्यक्ष जी सुरूर में थे पर उन्हें डर भी था कि पार्टी और मीडिया वाले कहीं का नहीं छोडेंग़े। ऊपर से दिल्ली की तिकड़ी हर समय गिद्ध जैसी नजर गड़ाए बैठी रहती है। इस पर सिंह साहब ने पान का बीड़ा मुंह में डालते हुए कहा, यार, सुष्मिता की तो अभी उसके कई प्रेमियों के साथ मामला टूट चुका है। अब वे होली किसके साथ मनाएंगी। इस पर नए अध्यक्ष जी का जवाब था, यार, झांसी की रानी तो कुछ भी कर सकती है।

No comments:

Post a Comment