सहवाग ७००० रन पूरे करने वाले छठे भारतीय
टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सात हजार रन पूरे करने वाले छठे भारतीय बन गए हैं। उनके २१९ मैचों में ३४.३२ की औसत से ७०३६ रन हो गए हैं, जिसमें १२ शतक और ३५ अर्धशतक शामिल हैं। सहवाग ने अपनी २१३ वीं पारी में ७००० रन का आंकड़ा छुआ यह उपलब्धि हासिल करने वाले वह देश के चौथे सबसे तेज बल्लेबाज बन गए। पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली ने १७४ वीं सचिन तेंडुलकर ने १८९ वीं और राहुल द्रविड़ ने २०४ वीं पारी में ७००० रन पूरे किए थे। भारतीय बल्लेबाजों में सहवाग से आगे युवराज सिंह (७३४५ रन), मोहम्मद अजहरुद्दीन (९,३७८ रन), राहुल द्रविड़ (१०,७६५ रन) सौरव गांगुली (११,३६३ रन) तथा सचिन तेंदुलकर (१७,३९४ रन) हैं।हाल ही में पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर रमीज राजा ने कहा था कि वीरेंद्र सहवाग तो क्रिकेट के बादशाह हैं। सौरभ गांगुली ने उनकी तुलना विवियन रिचर्ड्स से करते हुए कहा था कि सहवाग रिचर्ड्स से कहीं भी कम नहीं नजर आते। अगर हम स्ट्राइक रेट को आधार मानें तो सहवाग रिचर्ड्स को भी पीछे छोड़ देते हैं। वन डे इतिहास में जिन बल्लेबाजों ने पांच हजार या अधिक रन बनाए हैं उनमें सहवाग भारत के अकेले और दुनिया के दूसरे बल्लेबाज हैं जिनका स्ट्राइक रेट १०० से ऊपर चल रहा है। हालांकि बल्लेबाजी की अपनी अलग शैली के बावजूद आदर्श सुरक्षात्मक स्ट्रोक खेलने की भी क्षमता है, बल्ले और पैड को साथ साथ इस्तेमाल करते हुए वे अक्सर खेलते हैं। सहवाग महानता की तरफ बिल्कुल उल्टी दिशा से बढ़े हैं। याद रखने की बजाय उनके पास भूल जाने का गुण है। न कोई दुख और न ही किसी खराब पारी या शाट का विश्लेषण। सहवाग आज और अभी में जीते हैं। बीता कल भुला चुके होते हैं और आने वाले कल के बारे में सोचते नहीं। उनकी जगह कोई और होता तो २९३ पर आउट होने के बाद दुःख से सराबोर हो सकता था। मगर वह कह रहे थे कि दो तिहरे शतकों के बाद इतना बड़ा स्कोर बनाने वाले वे अकेले बल्लेबाज हैं। वर्तमान से उनके जुड़ाव को समझना हो तो उनकी पारी के किसी भी क्षण पर नजर डालकर देखें। ज्यादातर बल्लेबाजों को बल्लेबाजी करते देखकर ही यह बताया जा सकता है कि यह उनकी पारी की शुरुआत है या मध्य। कभी कभी तो यहां तक पता चल जाता है कि अब बल्लेबाज जल्द ही अपना विकेट देने वाला है मगर सहवाग को देखकर यह बताना बेहद मुश्किल होता है कि वह २५ के स्कोर पर हैं या २५० के। उनके चेहरे पर हमेशा वही शांति होती है। उनका बल्ला हर समय उसी रचनात्मक तेजी के साथ चलता है। सहवाग ने खुद को तेंदुलकर की तर्ज पर ढाला। शुरुआत में जब वे टीम में आए तो हेलमेट पहने इन दोनों खिलाड़ियों को पिच पर देखकर बताना मुश्किल होता था कि कौन तेंदुलकर है और कौन सहवाग। शायद उन्होंने इसीलिए बाद में अपना वजन बढ़ा लिया ताकि दशर्क उन्हें ज्यादा आसानी से पहचान सकें। २००१ में जब सहवाग ने अपना पहला टेस्ट खेलते हुए सेंचुरी लगाई तो वे नंबर छह पर बल्लेबाजी कर रहे थे। चार सीरीज बाद उन्हें लार्ड्स में पारी की शुरुआत करने का मौका मिला, जहां उन्होंने ८४ रन बनाए। अगले ही मैच में उन्होंने शतक बनाया। उनके पहले छह शतकों में से पांच अलग-अलग देशों में बने हैं। यह भी दिलचस्प है कि ये मैच के पहले ही दिन बने। महानता की तरफ सहवाग ने अपने आखिरी कदम उस बेफिक्री के साथ बढ़ाए, जिसके बारे में इस श्रेणी में पहले से ही मौजूद लोग सोच भी नहीं सकते थे। उन्होंने बल्लेबाजी के मायने ही बदल दिए। वे उत्तर आधुनिक दौर के ओपनर हैं जो खेल के तीनों संस्करणों में उपयोगी हैं। १९८० के दशक में जब बैरी रिचर्ड्स ने कहा था कि बल्लेबाजी की तकनीक बदल रही है तो परंपरावादियों ने उनका विरोध किया था। उनका कहना था कि तकनीक कभी नहीं बदल सकती। टेस्ट क्रिकेट में भारत को नंबर एक की गद्दी तक पहुंचाने में जितना सचिन तेंदुलकर, राहुल दृविड़, लक्ष्मण औैैैैैर सौरभ गांगुली का योगदान रहा उतना ही योगदान सहवाग का भी है।वन डे में पांच हजार रन बनाने वाले टाप दस बैटिंग स्ट्राइक रेट वाले बल्लेबाजों के क्रम में सहवाग वेस्टइंडीज के विव रिचर्ड्स ९०.२० के बैटिंग स्ट्राइक रेट के साथ छठे स्थान पर हैं। वन डे में पांच हजार रन बनाने वाले टाप स्ट्राइक रेट वाले बैट्समैन में सहवाग गिलक्रिस्ट और जयसूर्या से भी आगे हैं। इस लिस्ट में उनके अलावा तीन और भारतीय शामिल हैं, जिनमें सचिन तेंडुलकर दसवें, युवराज सिंह नौवें और महेंद सिंह धोनी सातवें स्थान पर हैं। भारत की ओर से वन डे में टाप टेन स्ट्राइक रेट वाली सेंचुरीज में सहवाग सबसे आगे हैं। उनकी सर्वाधिक चार सेंचुरी पारियां हैं, जबकि भारत की ओर से वन डे में उनसे बेहतर एक सेंचुरी पारी सिर्फ युवराज द्वारा खेली गई। सहवाग की १६८.९१ बैटिंग स्ट्राइक रेट वाली नाट आउट १२५ रनों की पारी ओवरआल वन डे इतिहास में सातवीं सर्वोच्च स्ट्राइक रेट वाली सेंचुरी पारी है। उन्होंने वन डे में जो १२ सेंचुरी बनाई, उनमें से ११ में भारत जीता और केवल एक मैच हारा। राजकोट से पहले जब भारत ने २००७ के वर्ल्ड कप में वन डे में पहली बार ४०० का स्कोर बनाया तब भी सहवाग ने अकेले सेंचुरी (११४) बनायी थी। यह मैच भी भारत ने जीता था । सहवाग ने वन डे में जो १२ सेंचुरी बनाई उनमें ९ में उनका बैटिंग स्ट्राइक रेट १०० से ऊपर रहा २ सेंचुरी में उनका बैटिंग स्ट्राइक रेट ९० रहा जबकि एक सेंचुरी में यह रेट ८० रहा। सहवाग की वन डे में सेंचुरी में सर्वोच्च बैटिंग स्ट्राइक रेट १६८.९१ रहा है और सबसे कम ८०.५७। भारत की ओर से वन डे में सबसे तेज सेंचुरी सहवाग ने ही बनाई है। न्यूजीलैंड के खिलाफ ६० गेंदों में अपनी १२५ नाट आउट पारी में। सहवाग ने भारत की जिन ११ वन डे जीत में सेंचुरी बनाई उनमें ७ जीत में केवल उन्होंने ही सेंचुरी बनायी जबकि ४ जीत में उनके साथ उस पारी में अन्य चार बल्लेबाजों गांगुली, सचिन, द्रविड़ और युवराज ने भी सेंचुरी बनाई। इन ११ वन डे जीत में बनाई सेंचुरी में ४ भारत में, ४ विरोधी देश में और ३ तटस्थ मैदानों पर लगाई गई। इनमें ५ जीत में पहले बैटिंग करते हुए जबकि ६ जीत में बाद में बैटिंग करते हुए सेंचुरी बनाई गई। वीरेंद्र सहवाग के बल्ले ने ब्रेबोर्न स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ रनों की बौछार ही नहीं की बल्कि अपनी २९३ रन की पारी के दौरान कई रिकार्ड भी बनाए, जिनमें टेस्ट क्रिकेट में भारत की तरफ से सर्वाधिक छह दोहरे शतक लगाना भी शामिल है। अब तक आस्ट्रेलिया के डान ब्रैडमैन, वेस्टइंडीज के ब्रायन लारा और सहवाग के नाम पर दो-दो तिहरे शतक का संयुक्त रिकार्ड है। सहवाग ने टेस्ट क्रिकेट में भी ६,००० रन पूरे कर लिए हैं। इस मुकाम पर पहुंचने वाले वह दुनिया के ५०वें और भारत के नौवें बल्लेबाज हैं। उन्होंने १२३वीं पारी में यह मुकाम हासिल किया। इस तरह से भारत की तरफ से सबसे कम पारियों में इस रन संख्या पर पहुंचने वाले तीसरे बल्लेबाज बने। उन्होंने भारतीय सरजमीं पर भी ३,००० रन पूरे किए। वह गुंडप्पा विश्वनाथ के ६, ०८० रन और मोहम्मद अजहरुद्दीन के ६,२१५ रन की संख्या को पीछे छोड़कर भारत की तरफ से सर्वाधिक टेस्ट रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में सातवें स्थान पर काबिज हुए। दिल्ली के इस तूफानी बल्लेबाज ने इस बीच अपना छठा दोहरा शतक भी पूरा किया । ऐसा करते हुए उन्होंने राहुल द्रविड़ के पांच दोहरे शतक को पीछे छोड़ा। उन्होंने केवल १६८ गेंद पर दोहरा शतक पूरा किया, जो भारतीय रिकार्ड है। यह टेस्ट क्रिकेट में दूसरा सबसे तेज दोहरा शतक है। यह रिकार्ड न्यूजीलैंड के नाथन एस्टल १५३ गेंद के नाम पर है। अब सबसे तेज चार दोहरे शतकों में से तीन सहवाग के नाम पर दर्ज हैं। सहवाग जब २२४ रन पर पहुंचे तो यह मुंबई के ब्रेबोर्न स्टेडियम पर सर्वाधिक व्यक्तिगत पारी थी। इससे पहले का रिकार्ड वीनू मांकड़ २२३ के नाम पर था। यही नहीं उन्होंने मुंबई में किसी भारतीय बल्लेबाज के सर्वाधिक का रिकार्ड अपने नाम किया जो अब तक विनोद कांबली २२४ के नाम पर दर्ज था। उन्होंने मुंबई में क्लाइव लायड २४२ के सर्वाधिक स्कोर का वर्षो पुराना रिकार्ड भी तोड़ दिया। हालांकि सहवाग तिहरा शतक तो नहीं बना पाए लेकिन अगर वह तिहरा शतक पूरा कर लेते तो ब्रैडमैन के बाद यह कारनामा करने वाले दुनिया के दूसरे बल्लेबाज बन जाते। ब्रैडमैन ने १९३० में इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स में ३०९ रन बनाए थे। सहवाग इस सूची में अब ब्रैडमैन और इंग्लैंड के डेनिस कांपटन २९५ रन के बाद तीसरे नंबर पर काबिज हो गए हैं। इससे पहले सहवाग ने पिछले साल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपनी ३१९ रन की पारी के दौरान एक दिन में २५७ रन बनाए थे। जहां तक दोहरे शतकों की बात है तो टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक १२ दोहरे शतक ब्रैडमैन ने लगाए हैं। उनके बाद ब्रायन लारा नौ और वाली हैमंड सात का नंबर आता है। सहवाग अब श्रीलंका के कुमार संगकारा, मर्वन अटापट्टू और महेला जयवर्धने तथा पाकिस्तान के जावेद मियादाद के साथ संयुक्त रूप से चौथे स्थान पर हैं। सहवाग ने मुल्तान में जब ३०९ रन की पारी खेली थी तब उन्होंने पहली बार २०० रन की संख्या पार की थी। इसके बाद उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ ही २००५ में बेंगलूर में २०१ और २००६ में लाहौर में २५४ रन, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ २००८ में चेन्नई में ३१९ और उसी वर्ष श्रीलंका के खिलाफ गाले में नाबाद २०१ रन बनाए।
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