Tuesday, April 20, 2010

ट्विटर-ट्विटर मतलब किचकिच-किचकिच

आजकल बालीवुड, राजनीति और क्रिकेट की दुनिया के लोग ट्विटर पर छाए हुए हैं। बिग बी, किंग खान, अमर सिंह से लेकर शशि थरूर और ललित मोदी तक। ऐ लोग अक्सर अपने टिवटर के माध्यम से किसी न किसी विवाद में देखे जा सकते हैं। हाल ही में एक नेता ने एक ट्विटर लिखा और पूरे देश की राजनीति ही ट्विटराने लगी। केंद्र सरकार से लेकर विपक्ष तक ट्विटरा रहा है। अगर, आप सोच रहे है कि ये ट्विटर क्या बला है, तो हम बता दें आपको कि ये नवीनतम टेक्नोलॉजी का नवीनतम शौक है। इंटरनेट पर पहले ब्लॉग बहुत पॉप्युलर हुआ था, अब ट्विटर कुछ ज्यादा ही पापुलर हो रहा है। वैसे, ट्विटर इंग्लिश का शब्द है, जिसका एक मतलब किचकिच पन भी कहा जा सकता है। भारतीय भाषा में यह किचकिच पन बिलकुल सटीक बैठ रहा है। फिलहाल आईपीएल को लेकर देश की सरकार सें लेकर सफेदपोश, नौकरशाह सहित दुनिया भर में किचकिच चल रहा है। देश में जो किचकिच यानि कि टविट टिवट चल रहा है, वो एक नेता का लिखे एक ट्विटर से चालू हआ है। ये कोई और नेता नहीं बल्कि शशि थरूर हैं जिन्हें ट्विटराने का बड़ा शौक है। वो पहले भी ट्विटरा चुके हैं। ट्विटराने का कारण, वो कई बार चर्चा में आ चुके हैं। अब इसी टिवटराने के चक्कर में उनकी विदेश राज्य मंत्री की कुर्सी भी चली गयी। अब टिवटर के साथ-साथ ही इनका महिला प्रेम भी जगजाहिर हो चुका है। शशि थरूर आजकल इतने चर्चित हैं जितने कि अपने सीधे व शांतप्रिय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी भी नहीं रहते। आखिर हमारे प्रधानमंत्री जी किचकिच जो नहीं करते। देखा जाए तो यह टिवट टिवट सिर्फ हजारों करोड़ों रुपए के मुनाफे के लिए ही हुई। जिसके चलते मोदी और थरूर की किचकिच हुई और नुकसान उन सफेदपोशों का जिनकी ब्लैकमनी लगी हुई है। उन्हें चिता सताए जा रही है कि अब इसमें सफेदी कैसे आएगी। कमाई यह स्रोत कहीं बंद न हो जाए। क्रिकेट एक खेल है और आईपीएल एक धंधा है। धंधा भी हजारों करोड़ का। जिधर इतना पैसा होता है, उधर सभी टांग अड़ाना चाहते हैं। अभी आगे कई सपैदपोशों के नाम खुलेंगे अगर मोदी सिर्फ बलि का बकरा बनके न रह गए। वैसे आपको याद दिला दें कि ये कोई पहली बार नहीं है, जब देश में ट्विटर ट्विटर, ट्विट ट्विट हुआ है। सनद रहे कि एक बार तोप खरीद को लेकर ट्विटर ट्विटर, ट्विट ट्विट हुआ था। करोड़ों का कमीशन का आरोप था। और याद है, एक बार विदेश से करोड़ों का शक्कर खरीदा गया था। पैसे पहुंच गया, पर शक्कर नहीं आयी और, वो इराक और तेल का कूपन का मामला, जिसमें बलि का बकरा बने नेता ने सबकी पोल खोल देने का धमकी दी थी। वो पोल आज तक नहीं खुली। हमारे देश में कोई पोल खुलती ही कहां है। ट्विटर ट्विटर, ट्विट ट्विट तो ख़ूब होता है, पर असली सच क्या है, ये कभी पता नहीं चलता। कुछ ऐसा ही हाल आईपीएल के मामले भी होगा। निश्चत मानिए किमोदी जैसे लोगों को बलि का बकरा बनाया जाएगा और सभी सफदपोश अपना मुंह पोंछते हुए सफेदी चमका के साफ निकल लेंगे।

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