Tuesday, April 13, 2010
सियासत का मुद्दा बने बिग बी
बिग बी भाजपा और कांग्रेस की तकरार का नया मुद्दा बन गए हैं। कांग्रेस जहां एक तरफ गुजरात का ब्रांडअंबेस्डर बनाने पर उनकी आलोचना कर रही है वहीं दूसरी तरफ भाजपा उन्हें एक सच्चा देशभक्त बनाकर कांग्रेस की अलोचना को खारिज कर रही है। बच्चन परिवार अक्सर अखबारों की सुर्खियों में बना रहता है। कभी यह सुर्खियां कुछ विवादों के चलते गहरा जाती हैं तो कभी बासी चर्चाओं में नया मोड़ आ जाता है। नेहरू गांधी परिवार तथा बच्चन परिवार के बीच दूरियां कायम हैं। इस बीच भाजपा अचानक बच्चन परिवार खासकर अमिताभ बच्चन के मान सम्मान को लेकर ज्यादा व्यग्र हो गयी है। गुजरात में नरेंद्र मोदी द्वारा सदी के महानायक और विज्ञापन जगत के बड़े नाम अमिताभ बच्च्न के लिए लाल कालीन बिछाये जाने के बाद ऐसा हो रहा है। उन्हें केरल का ब्रांड एम्बेसडर बनाये जाने के सवाल पर कामरेड आपस में गुत्थम गुत्था हैं।गुजरात का ब्रांड एम्बेसडर बनाये जाने का मसला अभी शांत नहीं हुआ कि अर्थ आवर के मौके पर नई दिल्ली में हुए एक समारोह में अभिषेक बच्चन की वीडियो क्लिपिंग हटा दी गयी। बच्चन परिवार से सपा का हनीमून खत्म हो चुका है। बच्चन परिवार की दुलारी बहू ऐश्र्वर्या राय का भी सितारा कुछ गर्दिश में है। उनके कीमती ब्रांड और फिल्मों में नंबर वन की पोजीशन कैटरीना कैफ झटक रही है। अमिताभ जया की जोड़ी के बाद ऐश अभिषेक की जोड़ी की अपनी अलग पहचान बनी है लेकिन कुल मिला करके बच्चन परिवार के दिन कुछ खास अच्छे नहीं चल रहे हैं। परिवार का हर सदस्य किसी न किसी वजह से अनचाही सुर्खियों से घिर रहा है। मुंबई में सी लिंक के दूसरे चरण के उद्घाटन पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के साथ अमिताभ बच्चन एक मंच पर नजर आए तो विवाद खड़ा हुआ। फिर डब्ल्यू. डब्ल्यू. एफ. द्वारा आयोजित अर्थ आवर का ब्रांड एम्बेसडर होने के बावजूद दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में अभिषेक बच्चन को दूर रखने पर प्रश्न खड़े हुए। गुजरात का ब्रांड एंबेसडर बनाए जाने पर मोदी के साथ नजदीकी के बाद अब कामनवेल्थ गेम के नाम पर भी बच्चन परिवार के साथ राजनीति की जा रही है। भारत कामनवेल्थ खेलों की तैयारी जोर शोर से कर रहा है। इन खेलों के ब्रांड एम्बेसडर के तौर पर कई जाने माने नाम जोड़े गए हैं मगर बच्चन परिवार को इस सूची से बाहर रखा गया है। अमिताभ बच्चन सरेआम कह चुके हैं कि राजा और रंक के बीच मित्रता संभव नहीं होती। इसके बावजूद बच्चन परिवार व नेहरू गांधी परिवार के बीच कायम दूरियों पर टीका टिप्पणी की जाती है। अमिताभ बच्चन को विभिन्न कंपनियों और कई फिल्म समारोहों ने अपने साथ जोड़ कर ब्रांड एम्बेसडर बनाया है। टीवी चैनलों में वे जनहित के विज्ञापन भी लगातार करते रहते हैं। अगर किसी जीवित भारतीय को दुनिया में सबसे ज्यादा पहचाना जाता है तो उनमें अमिताभ बच्चन एक हैं। अमिताभ बच्चन परिवार जया, अभिषेक व ऐश्र्वर्या की लोकप्रियता को तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि वे कामनवेल्थ खेलों को प्रमोट कर रहे लोगों की सूची में शामिल नहीं हैं लेकिन इस आयोजन को ही इससे प्रतिष्ठा और प्रसिद्धि मिलती। कामनवेल्थ गेम के ब्रांड एम्बेसडर की सूची में शाहरुख खान का नाम है। उस पर किसी को आपत्ति नहीं हो सकती। वे भी पूरी दुनिया में लोकप्रिय होने के अलावा राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के अनन्य मित्रों में एक हैं। कामनवेल्थ खेलों के प्रमोशन को लेकर दिल्ली सरकार और खुद आयोजन समिति कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। ऐसे में वो खेल और फिल्मी दुनिया की जानी मानी हस्तियों को ब्रांड एम्बेसडर बनाने में जुटी है लेकिन हैरानी की बात यह है कि ब्रांड एम्बेसडर के तौर पर बच्चन परिवार में से किसी को भी नहीं चुना गया। सदी के सबसे बड़े महानायक अमिताभ बच्चन के साथ जया बच्चन, अभिषेक बच्चन या फिर ऐश्वर्या राय इस लिस्ट में नहीं हैं। जिस सूची में आमिर खान, शाहरुख खान और कैटरीना कैफ का नाम है उसमें बच्चन परिवार के किसी भी सदस्य का नाम नहीं होना चौंकाता है।दिल्ली सरकार ने अपनी उपलब्धियां दर्शाने के लिए ब्रांड एम्बेसडर के तौर पर अमिताभ बच्चन को चुना था लेकिन अचानक ओमपुरी को अनुबंधित कर दिया गया। देखा जाए तो जब चर्चा का कोई मुद्दा नहीं होता तो बच्चन परिवार बहस के घेरे में आ जाता है। मुलायम सरकार के दौरान अमिताभ बच्चन को उत्तर प्रदेश सरकार के सरकारी विज्ञापनों से जोड़ा गया था। इसका लाभ कम मिला और मखौल ज्यादा उड़ा। अब नरेन्द्र मोदी उन्हें गुजरात सरकार की उपलब्धियों के प्रचार के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं।
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